भातरीय क्रिकेट टीम हमेशा से ही भारत की असली संस्कृति की पहचान है। एकता ओर विविधता के रंगों से भरी भारतीय क्रिकेट टीम में हर धर्म, वर्ग के लोग खेलते हैं। हालांकि, धर्म के लिहाज से भारतीय टीम को नहीं आंका गया। लेकिन, आज हम आपको एक ऐसी बात बताएंगे जो उन लोगों के लिए सबक होगा जो यह क्रिकेट और खेल में भी धर्म की आड़ में अपनी राजनीति चमकाने की कोशिश करते हैं। दरअसल, सौरव गांगुली के कप्तानी के दौर में टीम इंडिया का सुनहरा दौर शुरू हो गया था।
गांगुली दिनों दिन टीम को कामबयाी दिला रहे थे। हर मैच में टीम इंडिया को गांगुली की कप्तानी में कामयाबी मिल रही थी। टीम इंडिया को यूनिटी के साथ खेलने का तरीका सौरव गांगुली की ही देन है। लेकिन, उस दौरान पूरे देश के कोने कोने से खिलाड़ी शामिल होते थे। गांगुली ही कप्तानी का नतीजा था कि एक वक्त में टीम इंडिया के लिए एक साथ तीन मुस्लिम खिलाड़ी खेल चुके हैं।
यह तीनों खिलाड़ी थे मोहम्मद कैफ, जहीर खान और इरफान पठान। तीनों मुस्लिम खिलाडिय़ों को एक साथ टीम में लेकर भरोसा जताने का श्रेय सौरव गांगुली को ही जाता है। कभी इतिहास में ऐसा ना हुआ कि एक साथ तीन मुस्लिम खेले हों लेकिन, सौरव गांगुली ने यह सब कर दिखाया ओर उनके भरोसे को मोहम्मद कैफ ने कायम भी रखा था और अपने अकेले दम पर नेटवेस्ट सीरीज का फाइनल जिताया था।
भारतीय कप्तान मुस्लिमों क्रिकेटरों पर करता था भरोसा, एक साथ दिया था तीन मुस्लिमों को मौका
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अगस्त 07, 2019
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